मोदी गुजरात मॉडल को नं-१ बता रहे है पर हकीकत को कुछ और ही
है। कैग की रिपोर्ट के अनुसार 613000 से अधिक बच्चों कुपोषण में पीड़ित हैं। गुजरात भ्रष्टाचार में छठे स्थान पर
है। गुजरात में महिला के खिलाफ अपराध में 39% की वृद्धि हुई है। गुजरात में 3,46,700 युवा अब तक बेरोजगार है। गुजरात राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण
कार्यालय के अनुसार 2923
मलिन
बस्तियाँ है। गुजरात में स्कूल छोड़ने वालों का दर 57.9% है। जहां भारत की औसत के रूप
में 49.3% है। तो, यह सब है नरेंद्र मोदी के राज्य की
सच्चाई।
गुजरात साधन संपन्न राज्य है। लेकिन यहां की जनता गरीब है क्योंकि फेंकू सरकार यहां के लोगों को उनका हक नहीं देती। उनसे जमीन लेती है तो उसका सही
मूल्य नहीं देती। जल लेती है तो उसकी भरपाई नहीं करती। केंद्र सरकार हजारों करोड़
रूपए राज्य सरकार के माध्यम से आप को देती है जो आप तक नहीं पहुंचता। यह गुब्बारा
हवा में उड़ाकर लोगों को फील गुड़ और भारत चमक रहा कहकर लोगों को छला। लेकिन वो
गुब्बारा बाद में कहां गया किसी को पता ही नहीं चला। विकास
को लेकर झूठा प्रचार कर लोगों को गुमराह करने के लिए करने के लिए मोदी और उनकी
पार्टी 1000 करोड़ से ज्यादा पैसे
खर्च कर रही है। इसमें विदेशी कंपनियों की मदद ली जा रही है।
भारत की जनता समझदार है। गरीब आदिवासी को संपन्न बनाने से भारत चमकेगा।
भ्रष्टाचार और विकास के गुजरात मॉडल की बात करने से काम नहीं चलेगा। लोगों को दर्द
समझना होगा। जिसे वे नहीं समझते, न समझना चाहते हैं। और न
समझेंगे... सिर्फ बातों से काम नहीं चलेगा.. कांग्रेस की परंपरा रही है कि बात
नहीं काम करके दिखाना है। एक भ्रष्ट मुख्यमंत्री को जेल हुई उसे लाकर लोकसभा चुनाव
में उम्मीदवार बना दिया। ये भाजपा शासित प्रदेशों में लोकपाल बिल लागू क्यों नहीं
करते? क्या यह गुजरात मॉडल है या दहशत मॉडल ?
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