Friday 18 April 2014

गुजरात में बलात्कार, अपहरण में कई गुना वृद्धि !

गुजरात में बलात्कार, अपहरण में कई गुना वृद्धि !

गुजरात के लोगों की यह तस्वीर मोदी जी के कथनों की निर्मिति है, वास्तविक नहीं। गुजरात की भाजपा के मॉडल राज्य में दावा किया गया है की गुजराती महिलाओं के अपहरण की घटनाओं की संख्या डबल गुना बढ़ गया हैऔर दलित महिलाओं पर बलात्कार की संख्या पिछले दो दशकों में 63 प्रतिशत की वृद्धि हुई है एक बयान में, गैर सरकारी संगठन, सरकारी आंकड़ों के हवाले से, 313 2000 के दशक के दौरान बलात्कार किया गया जबकि गुजरात के पुलिस महानिदेशक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 192 दलित महिलाओं, 1990-2000 के दशक के दौरान बलात्कार किया गया, इस प्रकार, 2000 और 2010 के बीच एक दशक से बलात्कार में 63 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है 

एक दलित महिला गुजरात राज्य में उसे 'सम्मान' खोने के लिए केवल रुपये 25,694 मुआवजा दिया गया था ये गुजरात के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा दिए गए मुआवजे की वास्तविक आंकड़े हैं दलित महिलाओं पर समग्र हिंसा के लिए के रूप में, गैर सरकारी संगठन महिला पूरे देश में एक 'मॉडल' के रूप में पेश एक राज्य में सुरक्षित नहीं हैं राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो से वर्ष 2000 और 2012 के आंकड़ों की तुलना बलात्कार की संख्या 2012 में 2000-473 में 330 से बढ़ गई है महिलाओं के अपहरण के मामलों में वर्ष 2012 में 2000-1527 साल में 868 से बढ़ गई है गुजरात में  घरेलू हिंसा की घटनाओं के रूप में, वर्ष 2012 में 6658 के लिए वर्ष 2000 में 3339 से वृद्धि हुई है 

महिला की सुरक्षा निश्चित रूप से राज्य सरकार का दायित्व हैयह सब हो रहा है, गैर सरकारी संगठन के अनुसार, जिसका सरकार की तथाकथित सुरक्षा के लिए पूरे आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस ) की टीम आयोग कर सकते हैं जब सामान्य महिलाओं की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता नहीं दे सकते इसके अलावा गुजरात में मानव तस्करी के राज्य दस्तावेज़ 2006 के दौरान 2011 के लिए 47,052 व्यक्तियों की कुल गायब हो गए थे कि कहते हैं. इन 13,283 से बाहर अब भी लापता हैंऔर उन के बीच 5786 बुजुर्ग महिलाओं के थे और 2,293 अवयस्क लड़कियों के थे हाही हें गुजरात मॉडल की हकीकत !

एक रिपोर्ट के अनुसार लापता महिलाओं की दर 2006-2011 की अवधि के दौरान बढ़ गया था और इसी अवधि के दौरान मामलों की संख्या अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के तहत पंजीकृत 1956 कमी हुई थीगुजरात पुलिस की निष्क्रियता से पता चलता हैउनका कहना है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए तो गुजरात महिलाओं के लिए वास्तव में सुरक्षित नहीं हें। गुजरात के विकास की भीतर की असलियत? या ही हें क्या देश को ऐसे मॉडल की जरुरत हें।



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