बीजेपी नेता नरेंद्र मोदी की सरकार वाले राज्य गुजरात की
आधिकारिक वेबसाइट पर दिया गया आर्थिक डेटा हटा लिया गया है। सरकार के मुताबिक ऐसा
चुनाव आचार संहिता के कारण किया गया है, हालांकि ऐसा
आचार संहिता में स्पष्ट तौर पर कहीं नहीं लिखा है लेकिन राज्य के अधिकारी इसके लिए
नैतिक मूल्यों का हवाला दे रहे हैं। लेकिन फेकुजी
फेकने में इतने परेसान हे ! कि अपने ही राज्य कि वेबसाइट पर गलत डेटा तो नहीं डाल सकते इसलिए आचार सहिंता का नया बहाना ढूंढ लिया
!
राज्य कि वेबसाइट पर बजट, जनगणना और आर्थिक विकास से जुड़े आंकड़े साइटों से हटा लिए
गए हैं। क्यों कि २०१४ के चुनाव में फेकूजी रास्ता साफ हो सके। राज्य के आर्थिक
सांख्यिकी विभाग के निदेशक आर. एन. पंड्या के हवाले से लिखा है, 'इन आंकडों को उपलब्ध रखना चुनाव आयोग की आचार संहिता का उल्लंघन हो सकता है। लेकिन आचार
संहिता में नहीं बताया गया है कि किस चीज को हटाना है और किस चीज को नहीं, लेकिन पंड्या कहते हैं कि यह नैतिक मूल्यों की
तरह है, साफ-साफ कहीं कुछ नहीं लिखा होता।
नरेंद्र मोदी अपनी रैलियों में गुजरात के विकास
की खूब मिसाल देते हैं। लेकिन हाल के दिनों में गुजरात के विकास पर कई सवाल उठाए
गए हैं। इन सवालों का आधार राज्य की वेबसाइट पर उपलब्ध डेटा को ही बनाया गया है। राज्य की सरकारी वेबसाइटों पर दिए गए कई आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा था कि
नरेंद्र मोदी गलतबयानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि राज्य में कि नरेंद्र मोदी
दावा करते हैं कि गुजरात में कृषि विकास दर 11 फीसदी जबकि उनकी अपनी वेबसाइट के मुताबिक यह
-1.18 फीसदी है।
गुजरात को देश का विकास मॉडल बनाने चले
थे लेकिन अपनी कमजोरिया छिपाने के लिए गुजरात कि वेबसाइट को ही हटालिया इस
फेकू ने ताकि अपने आप को सही साबित कर सके मगर फेकुजी भूल गए कि सर्च इंजिन के जरिए गुजरात
सरकार की रिपोर्ट्स खोजी जा सकती हैं क्योंकि वहां इनकी कैश फाइल्स उपलब्ध हैं, लेकिन डेटा को ब्लॉक करने वाला गुजरात देश का पहला राज्य है। क्या यही गुजरात
मॉडल ?, क्या यही हे गुड गवर्नस ?, क्या यही हे मॉडल मॉडल ?
Abey o mulley tera y blog ek dum bakwas hai
ReplyDeleteJa jake kch aur kaam shuru krde