कितना रियल, कितना फेक |
लोकसभा चुनाव 2014 में गुजरात मॉडल और विकास को अपनी सबसे बड़ी ताकत के रूप में लेकर मैदान में उतरे है वो गुजरात मॉडल एक फेक है और गुजरात में ऐसा कुछ भी नहीं है। गुजरात मॉडल एक टॉफी मॉडल बन गया है और विकास भी हुआ है, लेकिन सिर्फ कुछ चुनिंदा लोगों का,किसी किसान या मिडिल क्लास आदमी का नहीं। देखिए, कितना फेक और कितना रियल है मोदी का ये गुजरात मॉडल।
मोदी विकास की बड़ी-बड़ी
बातें करते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि
मोदी के शासन में गुजरात विकास की राह में बहुत पीछे चला गया है। गुजरात कीमोदी सरकार से केवल छह लोगों को फायदा
हुआ है, यही लोग मोदी को और
भाजपा को चुनाव लड़ने के लिए हजारों करोड़ रुपये दिए हैं और मीडिया तथा अन्य चीजों
का बंदोबस्त किया है। इन्हीं लोगों ने मोदी को चुनाव लड़ने के लिए हजारों करोड़
रुपये देने के साथ ही अन्य सुविधाएं भी दी हैं। मीडिया ने देश में मोदी की जो हवा
बनाई थी, वह धीरे-धीरे खत्म हो
रही है। मोदी को भी यह बात अब समझ में आ गई है कि भाजपा को बहुमतनहीं मिलने जा रहा
है। इसीलिए वह हताशा और निराशा में डूबते जा रहे हैं।
नरेंद्र मोदी ने 10 साल पहले गुजरात में मेट्रो रेल चलाने की बात कही थी, लेकिन आज तक मेट्रो रेल शुरू नहीं हो सकी। गुजरात में डीजल, पेट्रोल,रसोई गैस सबसे ज्यादा महंगी है। गुजरात में रासायनिक खादें सबसे ज्यादा महंगी हैं। गुजरात में 50 फीसदी महिलाएं कुपोषण की शिकार हैं। गुजरात में 89 फीसदी महिलाएं और 90 फीसदी पुरुष असंगठित क्षेत्र में मजदूरी कर रहे हैं। गुजरात के 17 जिलों में पानी की समस्या है। मोदी की सबसे महत्वाकांक्षी सरदार सरोवर परियोजना का बहुत बुरा हाल है। गुजरात की नदिया देश में सबसे ज्यादा गंदी हैं। गुजरात में मोदी के शासन में सात लाख किसानों ने खुकुशी की है। ये नरेंद्र मोदी के गुजरात का स्याह सच है। गुजरात मॉडल महज धोखा है।
यहां के किसानों की हालत बहुत खराब हैं और आम जनता भी परेशान हैं। मोदी ने जो विकास का मॉडल देश भर में पेश किया है, वह बिलकुल झूठ है। गुजरात के मुख्यमंत्री ने राज्य में गरीबों के लिए 50,000 मकान बनाने का वादा किया था, लेकिन पिछले 11 साल में 50 मकान भी नहीं बनाए गए हैं। 'भाजपा गुजरात के विकास मॉडल का जोर-शोर से प्रचार कर रही है, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही है।' वो मॉडल एक ऐसे उद्योगपति को बेहद मामूली कीमत पर जमीन दे देना है जिसने उसे बेचकर भारी मुनाफा कमाया। उन्होंने उद्योगपति अदानी को एक रुपए प्रति मीटर की कीमत पर 35,000 एकड़ कृषि भूमि देने के लिए गरीब किसानों को उनकी जमीन से वंचित कर दिया और इसके बाद अदानी ने उस जमीन को 800 रुपए प्रति मीटर की दर से बेचा। उनका उद्योग उत्पादन के कारण नहीं अपितु किसानों की जमीन ऊंची कीमतों पर बेचने के कारण 3000 रुपए करोड़ की कंपनी से बढ़कर 40,000 करोड़ रुपए हो गया इसे वह गुजरात मॉडल कहते हैं।
गुजरात के विकास का मोदी माड़ल धोखा है। मोदी गुजरात के विकास माडल को लेकर देश को बरगला रहे है। वास्तव में गुजरात में पढ़ाई, इलाज,खेती किसानी तथा पीने के पानी का बेहतर प्रबंध नहीं है। गुजरात में 719 से अधिक लोगों ने भुखमरी के कारण अत्महत्या कर ली। 44 हजार बच्चे आज गायब हैं। मोदी बताएं यह बच्चे कहां हैं? मोदी गुजरात में मेट्रो सेवा शुरू करने का वायदा आज तक पूरा नहीं किया है और गुजरात में आठ घंटे ही लोगों को बिजली मिलती है, 24 घंटे नहीं जैसा मोदी अपनी हर चुनावी सभा में कहते घूम रहे हैं। मोदी अपनी सभा में वादा तो कर देते है पर वो कभी पूरा नहीं होता। क्या आप ऐसे व्यक्ति के हाथ में देश सौपना चाहते हो?